शुक्रवार, ३० नोव्हेंबर, २०१२

बारिश


घिर आये थे बादल अचानक से


मै सुन रहा था तलत उस शाम,...
दिल को तार तार करने वाले गीत..


सहसा तुम उठ कर चल दी,
बारिश तुम्हारी आंखोमे आ बसी थी!
वापस आ तुमने झटके से बंद कर दिया गाना..

बारिश भी कभी बंद कर सकोगी तुम?


- श्रीधर जहागिरदार

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