सिग्नल पर खड़ा बूढा
हरी बत्ती की प्रतीक्षा में, नियंत्रण रेखा को सम्मान देता
सहमा सा देख रहा था
बेतहाशा रफ़्तार ज़िन्दगी की ....
सिग्नल होते ही चल पड़ा
अधिकार भाव से
अपनी नियत रेखा पर
सड़क पार करने बूढ़ा
सड़क पार करने बूढ़ा
कुछ गाडीयाँ फिर भी
होड़ लगाती सी घुसपैठ कर रही थी
होड़ लगाती सी घुसपैठ कर रही थी
उसके चंद पलों की अधिकार रेखा पर...
लड़खड़ाते बूढ़े के डर पर हँस पड़ा
नियंत्रण रेखा पर कब्ज़ा किये बस का चालक...
जमा चुका है
अपनों का दहशतवाद
गहरी जड़े
अंदर तक
बूढ़े की जिंदगी में ....
अपनों का दहशतवाद
गहरी जड़े
अंदर तक
बूढ़े की जिंदगी में ....
२३-०९-२०१६
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