हाशिया है
एक सच्चाई
मानो या ना मानो।
हाशिया है
एक सच्चाई
मानो या ना मानो।
एक सच्चाई
मानो या ना मानो।
आश्स्वस्त है वो
जो बसता है हाशिये से दूर ,
गर्भस्तर पर
जो बसता है हाशिये से दूर ,
गर्भस्तर पर
सुरक्षित घेरे में ...
और बनाता है हाशिया
असुरक्षित, उसे
जो रह जाता है किनारे पर
बचता हुआ भीड के रेले से …
हाशिया बसता है
हर मन में, किसी रूप में
छूआ नहीं जा सकता
महसूस होते रहता है .…
हाशिया है
एक सच्चाई
मानो या ना मानो।
- श्रीधर जहागिरदार
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